Recharge urself with Dwadash Madhav Parikrama. Get everything you are searching4years

Have u experience Divine Blessings ever? If no,than come & experience it by performing Bhagwan Shri Dwadash Madhav Parikrama.  




Press Release

प्रकाशनार्थ

"जय जय श्री माधव देवा" जय धोष के साथ 5 दिवसीय द्वादश माधव वार्षिक परिक्रमा प्रारम्भ

 

देवोत्थान एकादशी 14 नवम्बर,2021,  तीर्थराज प्रयाग के अधिष्ठाता भगवान श्री द्वादशमाधव की 5 दिवसीय वार्षिक परिक्रमा के उद्धाटन अवसर पर आज आध्यात्मिक गुरू स्वामी श्रीअशोकजी महाराज ने परिक्रमावासियों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि सभी सनातनधर्मियों को चाहिए कि वे अपने बच्चों में सँस्कारों का पुनःबीजारोपण करें। सँस्कार आते हैं शास्त्रों को पढने से। शास्त्र पढ़ने के लिए सँस्कृत आनी चाहिए। बच्चों में सँस्कार डालने के लिए उन्हें सँस्कृत की शिक्षा देनी चाहिए। बच्चों के लिए निःशुल्क सँस्कृत कक्षाएँ चलाने वाले सामने आएँ और जो भार वहन कर सकें वे घर पर अध्यापक लगा कर बच्चों को सँस्कृत पढ़वाएं। इससे आने वाली पीढ़ी सँस्कारवान एवं वीर होगी।

ज्ञातव्य है कि भगवान श्री द्वादशमाधव परिक्रमा गत 600 वर्षों के स्थगन के बाद पिछले सात वर्षों से स्वामी श्रीअशोकजी महाराज के मार्गदर्शन में चल रही है। स्वामीजी के अनुसार जगतनियँता भगवान श्री माधव जी जो साक्षात श्रीहरि हैं, वे सृष्टि के आरम्भ से ही यहाँ अपने बारह स्वरूपों में विद्धमान हैं। प्रयाग के प्रथमवासी श्री भरद्वाज मुनि ने इस पावन परिक्रमा की स्थापना की थी।

इस परिक्रमा को करने से जन्मों के सँचित पाप का क्षय होता है। जिससे जन्मों के सँचित पुण्य का उदय हो जाता है और प्राणी जन्म मरण के बँधन से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है।

परिक्रमा के उद्धाटन अवसर पर स्वामी श्री अनन्त चैतन्य ब्रम्हचारी, स्वामी श्री गोपाल जी महाराज, स्वामी श्री फलाहारी महाराज, स्वामी श्री लाल बाबी जी महाराज, स्वामी श्री अवधेश दास जी महाराज, आचार्य श्री अद्वैत दास जी, स्वामी श्री आदित्य जी महाराज एवँ अन्य उपस्थित सँतों ने परिक्रमवासियों को आशीर्वाद दिया।

भगवान श्रीअनन्त माधव की वेदोक्त विधान से पूजा के बाद ध्वजा पूजन हुआ और परिक्रमा यात्रा भगवान श्रीअनन्त माधव मँदिर चौफटका से प्रस्थान कर भगवान के अदृश्य स्वरूप भगवान श्री त्रिवेणी माधव की प्रदक्षिणा के लिए श्री त्रिवेणी सँगम गाजे बाजे के साथ सँकीर्तन करते हुए पँहुची। यहाँ भगवान के अदृश्य स्वरूप की प्रदक्षिणा कर यात्रा भगवान श्री वेणी माधव पँहुची। यहाँ भगवान की जय धोष के साथ परिक्रमा की गई। यहाँ से परिक्रमा सँकीर्तन करते हुए यात्रा भगवान श्री असि माधव, दारागंज पँहुची। भगवान श्री असि माधव की विधि विधान से प्रदक्षिणा कर यात्रा अन्त में श्री भरद्वाज मुनि के आश्रम पँहुची। यहाँ मुनिवर की प्रदक्षिणा करने के उपरांत प्रथम दिवस की परिक्रमा यात्रा वापस भगवान श्री अनन्त माधव मँदिर चौफटका आकर विसर्जित होगई।

अगले दिन 15 नवम्बर 2021 को परिक्रमा यात्रा प्रातः 10.30 बजे भगवान श्री अनन्तमाधव मँदिर, चौफटका से निकल कर सर्वप्रथम भगवान श्री मनोहर माधव जानसेनगँज जाएगी। तदुपराँत यात्रा भगवान श्री बिंदु माधव द्रौपदी धाट जाएगी। अन्त में लौटकर भगवान श्री अनन्तमाधव मँदिर, चौफटका में विसर्जित होगी।

प्रयागवासियों के लिए दुर्लभ अवसर है कि शेष बचे 4 दिन में भगवान श्री द्वादश माधव की परिक्रमा कर जगतनियँता की कृपा का स्वयँ अनुभव करें और वह सब कुछ पाएं जिन्हे पाने को वे वर्षों से प्रयासरत हैं।

 

जारीकर्ता- तीर्थराज पाण्डेय, सदस्य, भगवान श्री द्वादश माधव परिक्रमा आयोजन समिति, प्रयागराज, 9452095265

http://dwadashmadhavparikrama.cfsites.org

http://twitter.com/madhavparikrama

http://Facebook.com/prayagparikrama