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Have u experience Divine Blessings ever? If no,than come & experience it by performing Bhagwan Shri Dwadash Madhav Parikrama.  




                                                 Current Press Release

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महामंत्र प्रकटीकरण के साथ पांच  दिवसीय भगवान् श्री द्वादशमाधव परिक्रमा संपन्न 


"भगवान् श्री द्वादशमाधव तीर्थराज प्रयाग में सृष्टि के आरम्भ से ही विराजमान हैं। यह तथ्य कम लोगों को पता है कि द्वादश माधव, द्वादश ज्योतिर्लिंग से भी प्राचीन हैं। इनके बारे में जानकारी का सर्वथा अभाव इस लिए है कि एक लम्बे कालखण्ड़ ६०० वर्षों तक इनका विशालतम आयोजन " भगवान श्री द्वादशमाधव परिक्रमा" बंद थी। भगवान श्री नारायण प्रयाग में माधव रूप में जाने जाते हैं। भगवान प्रकाश के अक्षय स्रोत हैं इसलिए जो प्राणी इनकी परिक्रमा करता है उसे जीवन के हर अन्धकार से मुक्ति मिलती है और वह जीवन मरण के बंधन से मुक्त होकर माधव धाम को प्राप्त होता है। उक्त बातें पावन परिक्रमा के पुन:स्थापनाकर्ता आध्यात्मिक गुरु स्वामी श्री अशोकजी महाराज ने भगवान् श्री द्वादश माधव परिक्रमा के पांचवे एवं अंतिम दिन अरैल स्थित भगवान श्री चक्र माधव पीठ पर परिक्रमावासियों को सम्बोधित करते हुए कही ! परिक्रमा यात्रा आज अंतिम दिन सर्वप्रथम भगवान् श्री आदिमाधव, भगवान् श्री चक्रमाधव की प्रदक्षिणा की गई।

स्वामी श्री अशोकजी महाराज ने भगवान श्री माधव जी की अनुकम्पा से माधव महामंत्र को अनावृत किया और उपस्थित सभी साधु संतों पुजारी एवं परिक्रमावासियों को इस महामंत्र की दीक्षा दी। माधव महामंत्र जपने से प्राणी में श्री एवं विवेक की वृद्धि होती है जिससे प्राणी जीवन भर पडने वाली बाधाओं को प्रसनन्तापूर्वक पार कर लेता है। उसके मनोरथ की पूर्ति होती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह गुप्त मंत्र है, इसकी दीक्षा अगले माह एकादशी को भगवान श्री गदामाधव की एक दिवसीय परिक्रमा में दी जाएगी।

इस वर्ष यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक माह की प्रथम एकादशी को भगवान के एक स्वरूप की एक दिवसीय परिक्रमा यात्रा निकाली जाएगी।

परिक्रमा आयोजन समिति के सचिव एवं चक्रमाधव पीठ के महंत श्री अवधेष जी महाराज ने सभी पीठ के महन्थों/पुजारियों, सहयोगियों एवं परिक्रमावासियों का आभार प्रकट किया और साथ में अगले वर्ष की परिक्रमा की तिथियों की धोषणा की। अगले वर्ष की परिक्रमा देवोत्थान एकादशी ४ नवम्बर से कार्तिक पूर्णिमा ८ नवम्बर २०२२  तक होगी।

अन्त में परिक्रमावासियों ने अपने अनुभव सुनाये। महाप्रसाद वितरण के साथ इस वर्ष की समापन की धोषणा कर दी गई। इस पावन परिक्रमा में विशेष योगदान के लिए पं. विष्णु पाण्डेय, पं. तीर्थराज पाण्डेय, पं. मनोज शास्त्री, पं. राजा राम को सम्मानित किया गया !

जारीकर्ता - तीर्थराज पाण्डेय, सदस्य प्रबंध, श्री द्वादश माधव परिक्रमा , प्रयाग !

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